केंद्रीय और स्टेट जीएसटी अधिकारियों ने एक बार फिर बाज़ारों में टैक्स चोरी की जांच और छानबीन तेज कर दी है। पिछले दिनों झंडेवालान, करोलबाग और पुरानी दिल्ली की कई दुकानों पर अधिकारियों ने छानबीन की और ट्रेडर्स से अकाउंट बुक्स व दस्तावेज दिखाने को कहा। विभाग बड़ी संख्या में डीलर्स को एक बार फिर नोटिस भेजने क तैयारी में है।

राज्य सरकार को ओर से दुकानों में जीएसटी रेड पर रोक लगाने की घोषणा के करीब आठ महीने बाद शुरू हुई कवायद को अधिकारियों ने छापेमारी के बजाय रूटीन सर्वे करार दिया है। हालांकि, इससे टेªडर्स में हलचल है और वे दुकानों से कच्ची पर्ची हटाने और अकाउंट ठीक करने में जुट गए हैं। जीएसटी विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि झंडेवालान में छानबीन डीलर्स के पुराने रिकाॅर्ड और हालिया इनपुट्स के आधार पर हुई है। सिर्फ उन्हीं डीलर्स की जांच की जा रही है, जिनके बारे में दूसरे राज्यों से ट्रेड में किसी गड़बड़ी का सुराग मिला है या उनकी टैक्स फाइलिंग से टैक्स चोरी की आशंका बनी है। करीब एक दर्जन ट्रांसपोर्टर्स से भी पुछताछ के घेरे में लिया गया है। अधिकारियों ने इससे इनकार किया कि सरकार ने ऐसी कार्रवाइयों पर कोई रोक लगाई है। जीएसटी कलेक्शन में बीते साल दिल्ली के खराब प्रदर्शन के बाद केंद्र और राज्य दोनों स्तरों पर एन्फोर्समेंट में सख्ती की योजना बनाई गई है। निल टैक्स फाइलर्स या अब तक कोई रिटर्न फाइल नहीं करने वाले असेसीज को एक बार फिर बड़े पैमाने पर नोटिस भेजे जा सकते है। अधिकारियों का मानना है कि अब भी बड़े पैमाने पर व्यापारी कच्ची पर्ची के सहारे माल भेज रहे हैं और प्राॅपर इनवाॅइस या ई-वे बिल का पालन नहीं कर रहे हैं। कई बड़े ट्रेड संेटर्स से टैक्स कलेक्शन में गिरावट के बाद ऐसी आशंका पैदा हुई है।

जीएसटी विभाग की ओर से चेकपोस्ट और वाहन जांच दस्तों को हटाने के बाद फिलहाल ज्यादातार गुड्स मूवमेंट सिर्फ आॅनलाइन ई-वे बिल के भरोसे है। अब इंटरस्टेट ट्रेड पर कड़ी निगरानी के लिए दिल्ली के सभी एंट्री पाॅवइंट्स पर आईआरएफडी और फास्टैग सिस्टम इंस्टाॅल करने की योजना पर काम हो रहा है। इसके सक्रिय होने तक विभाग दुकानों और व्यावसायिक परिसरों की जांच पर फोकस करेगा।