श्री सुनीश शारदा

Harish Plywood Pvt. Ltd.


सस्ते मालों के हालात ज्यादा बुरे हैं और अच्छे माल हैं उनमें अब भी सही है। उसमें इतनी प्रोबलम नहीं आ रही, सेल्स भी सही है। बस बाजार से थोड़ा फंड प्रोब्लम आ रही है। बाजार में पैसा नजर नहीं आ रहा है। और सब चीजें जैसे चल रही हैं लाइन में वो तो चल ही रही हैं।

लोगों ने प्रोडक्सन कैपेसिटी बढ़ा दी। रियल अस्टेट अभी चल नहीं पाया। लिमिट से ज्यादा जो सिस्टम सब ने बना लिया है वो परेशानी है जिसकी वजह से सब परेशान हैं। सेल बढाओं। दो नंबर जो बंद होना था वो बंद नहीं हुआ, वो सही तरीके से नहीं हुआ। यमुनानगर में भी जो चोरी हो रही हैं। हम जैसे को बहुत परेशानी का सामना करना पड रहा है इन सब का। अपने-अपने ब्रांड नेटवर्क को डेवलप तो कर लिया, हमारे डीलर नेटवर्क सेट हैं। आर्टिटेक्टलेवल डेवलप है, मिस्त्रियों का लेवल पर जाते हैं। जिसका जितना है उस हिसाब से दौडता ही है।

बाजार सुधरने में अभी थोड़ा समय लगेगा। मुझे नहीं लगता 2019 में कोई सुधर पाएगा। मुझे जो आसार नजर आ रहे हैं। बाजार जनवरी 2020 से ही शुरू हो पाएगा। जितने प्लेयर्स आउट होने हैं वो भी हो जाएंगे। जितने में बाजार में जो टिंबर नहीं है वो भी रेडी हो जाएगी। और पता भी चल जाएगा कि बाजार किस थीम पर चलाना है। बीच में जिसके जितने पैसे मरने हैं वो मर भी जायेंगे । जिसके पास जितना धन है वो उसी हिसाब से व्यापार चलाएगा।

जब तक आदमी छंटेगे नहीं, गलत करने वाले जब तक छंटेगे नहीं तब तक बात नहीं बनेगी। आज इन सब ने हमें इतनी परेशानी में डाल दिया है। नंबर दो में माल लाते हैं। पूरे उत्तर प्रदेश में इन सब ने परेशान कर रखा है। हमारा सारा बाजार डिस्टर्ब कर दिया। हर बोर्ड पर चार रू जीएसटी पड़ रहा है। और तीन रू फुट मिल रहा है। जिस रेट पर हमें माल की लागत पड रही है उस रेट पर तो शोरूम वाले बेच रहे हैं, तो हमारे लिए तो परेशानी का दौर शुरू हो गया। ये तो हमने भगवान के आर्शीवाद से अपना ब्रांड बना लिया था। डीलर नेटवर्क। अगर हम उसी माल पर होते तो आज फेल हो जाते। चल ही नहीं पाते।

यूपी में और इंडस्ट्री आ रही हैं। यूपी में बहुत सारे यमुनानगर वाले भी इंडस्ट्री ला रहे हैं। यूपी में भी मजे आएंगे अब इसका मतलब।

अभी पिछले दिनों जयपुर में पंचम प्लाइवुड, तिरुपती और एक दो जगह और छापे पडे़ और छापे का शोर्स ये था कि बिलिंग 40 परसेंट और 50 परसेंट है। ताजुब की बात यह है कि इतनी जीएसटी वालों के स्ट्रीक्ट होने के बाद में भी दूसरे लोग सहमते नहीं है। सहमेंगे धीरे-धीरे ये समय भी आना है। आप पेपर पर ध्यान दे रहे हैं कि अधिकारियों पर भी छापे पड़ रहे हैं। सरकार एक्सन ले रही है इन्हें भी तो सुधरना चाहिए। और बिल्कुल सही ले रही है।

सरकार को ऐसा सिस्टम बनाना चाहिए कि पोर्टल ऑनलाइन ई वे बिल से भरा जाना चाहिए। 50 हजार से नीचे 10 हजार से शुरू हो जाना चाहिए। 10 हजार या 5 हजार से उपर ई-वे बिल भरना ही चाहिए। ये सब चीजें होनी बहुत जरूरी है नहीं तो ये चोरी रूक नहीं पाएगी, चलती रहेगी।

जब तक चोरी चलती रहेगी बाजार सुधर भी नहीं सकता। और हम लोगों को बड़ी परेशानी रहेगी। यमुनानगर में अरडु का माल चालू हो गया है। सभी चीजें नई-नई तरह से चाूल होती जा रही हैं। जब तक इन पर लगाम नहीं लगेगी, काम में दिक्कतें रहेंगी।