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प्लाइवुड इंडस्ट्री को सरकार के सहारे की दरकार

केंद्र सरकार की ओर से पेश होने वाले अगले वित्त वर्ष यानी 2020-21 के आम बजट को लेकर प्लाईवुड उद्योग में खासी उत्सुकता है। प्लाईवुड उद्यमियों का कहना है कि इस उद्योग को अंतरराष्ट्रीय बाजार से कड़ी चुनौती मिल रही है। इससे निपटने के लिए घरेलू उद्योग को सुविधाएं और सब्सिडी की दरकार है। साथ ही उद्यमियों ने करों का बोझ कम करने की अपील भी की है।

उद्यमियों का कहना है कि बाजार की चुनौतियों के मुकाबले के लिए विदेश से आ रहे कच्चे माल को कस्टम ड्यूटी से मुक्त किए जाने और तैयार माल पर सेफ गार्ड ड्यूटी लगाने की जरूरत है। इन कदमों से यहां प्लाईवुड उद्योग से जुड़ा मैन्युफैक्चरिंग बेस मजबूत होगा।

Inderjit singh sohalपंजाब प्लाईवुड मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के प्रधान इंद्रजीत सिंह का कहना है कि कृषि आधारित राज्य होने के चलते ही सूबे में प्लाइवुड उद्योग स्थापित हुआ। राज्य में प्लाईवुड बनाने वाली करीब दो सौ यूनिट हैं। इनमें तीन हजार करोड़ सालाना से अधिक का कहना है कि अब सूबे में लकड़ी की कमी है। ऐसे में उत्तर प्रदेश और हरियाणा से भी लकड़ी की खरीद करनी पड़ रही है। इसके अलावा महंगी बिजली भी परेशानी बनी हुई है। बंदरगाह से दूरी के कारण माल भाड़ा अधिक लग रहा है। सूबे से 75 प्रतिशत प्लाई दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान आदि राज्यों में जाती है।

जीएसटी दर पांच प्रतिशत की जाए
इंद्रजीत सिंह का कहना है कि काॅटन, कागज और अन्य एग्रो बेस्ड उत्पाद पांच से 12 प्रतिशत की जीएसटी दर में हैं। वहीं प्लाईवुड को 18 प्रतिशत की स्लैब में रखा गया है। प्लाईवुड आम आदमी की जरूरत हैं ऐसे में इस पर टैक्स की दर पांच प्रतिशत की जाए। इससे इंडस्ट्री और आम उपभोक्ता को लाभ होगा। इससे जहां किसान की आय बढ़ेगी, वहीं इंडस्ट्री को आसानी से कच्चा माल उपलब्ध होगा। इससे विविधिकरण को भी बढ़ावा मिलेगा। इंडस्ट्री का कच्चा माल फेस विनियर मलेशिया, इंडोनेशिया व अफ्रीका से आयात हो रहा है। इसे कस्टम ड्यूटी से मुक्त किया जाए। इससे इंडस्ट्री की लागत कम होगी।

ashok junejaविशेष इन्सेंटिव की भी दरकार
‘पंजाब प्लाईवुड मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन’ के चेयरमैन अशोक जुनेजा ने कहा कि एग्रो बेस्ड होने के चलते बजट में इस उद्योग को विशेष इन्सेंटिव दिया जाना चाहिए। साथ ही उद्योग को तीन से पांच प्रतिशत सस्ती ब्याज दर पर ऋण मुहैया कराने की दिशा में भी सरकार विचार करे।

बजट में चीन व वियतनाम से आ रही सस्ती प्लाई को नियंत्रित करने के उपाय भी किए जाने चाहिए। आयात पर सेफ गार्ड ड्यूटी लगाई जाएं देश की कुल मांग की करीब 20 प्रतिशत प्लाई विदेश से आ रही है। घरेलू उद्यमियों को सुविधाएं देकर और आयात को नियंत्रित करके ही उद्योग में ग्रोथ का रास्ता साफ होगा।

Harmeet singhबजट में फे्रट सब्सिडी दी जाए
हांडा प्लाईवुड के मैनेजिंग डायरेक्टर हरमीत सिंह ने कहा कि पंजाब पोर्ट से दूर है। यहां बना माल महंगा साबित हो रहा है। इसे मैनेज करने के लिए बजट में फ्रेट सब्सिडी दी जाए। इससे उद्योग को काफी राहत मिलेगी।

इसके अलावा विदेशी आयात को दरकिनार करके मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के उपाय किए जाएं। ऐसा करके देश में घरेलू उद्योगों की जड़ें मजबूत की जा सकेंगी। इंडस्ट्री मेक इन इंडिया में काम करने को तैयार हैं, लेकिन सहूलियतें बढ़ाने की दरकार है। बजट में राहत मिलने से ही इंडस्ट्री को बूस्ट मिलेगा।